ममता
ममता
होती चिन्ता चिता समाना।
मरम नहीं पर मेरा जाना।।
हर आहट पर सहमी जाती।
संतति जब तक घर नहि आती।।
सब कहते हैं चिन्ता छोडें।
कैसे अपनों से मुख मोड़ें।।
लहु से सींचा पाला तुमको।
दिन अरु रात न भूले तुमको ।।
****
संतान
बड़े हुये अब हम सब बच्चे।
नहीं रहे कोई हम कच्चे।।
साथ आपका सदैव रहता,
किसी स्थिति में डर नहि लगता।।
रोग नहीँ माँ कोई घेरे।
बच्चे चिन्ता करते तेरे।।
हम बच्चों का आप सहारा।
आप बिना कुछ लगे न प्यारा।।
****
सुने शब्द बच्चों के मुख से।
छलकी आंखें माँ की सुख से।
किस्मत वाले उनको कहते।
मातु-पिता बच्चों सँग रहते।
हालत पूछो जाकर उनसे,
शीश हाथ नहि पाया कबसे।
बना रहे रिश्तों का बंधन,
करें सभी मिल कर ये वंदन।।