महक जिंदगी की..!!
महक जिंदगी की..!!
मैंने पूछा चमन के इन फूलों से
कितना आसान होगा यूं महकना और
मधुमक्खी को अपनी ओर खींचना।
फूलों ने बताया ...
नहीं आसान यूं खुद को पीसना
और कतरा कतरा इत्र को सींचना।
नहीं आसान..
यूं इस मधुमक्खी का हर दंश सेहना
और यूं बूंद बूंद बहना
तब जाके शहद बनना।
हमने भी कुछ सीखा इन इत्र से
अगर महकना है तो
हवाओं के साथ रुख मोड़ना ही पड़ता है।
वहीं जलती हुई अगरबत्ती ने कहा
अगर महकना है तो
सिर्फ हवाओं के साथ रुख मोड़ना ही काफी नहीं....
अगर महकना है तो
खुद को जलाना भी पड़ता है...!
फिर देखो कैसे तुम खुद भी महकोगे और
तुम्हारी महक दूसरों तक भी पहुंचेगी!