महादेव।
महादेव।
है ध्यानमग्न वेरागि वो
वेरागि अविनाशी वो
अविनाशी विनाशी वो
विनाशी प्रवाशि वो।
भोले बाबा शंकर निराला
नीलकंठ माथे चांद्र बिराजा
हर हर शिव शंकर
नीलकंठ गंगा धार
आए हम शरण तिहरे।
काशी कैलाशि हाथ डमरू धर
मृत्युंजय महामंत्र
भूतनाथ हरनकर
बाघ छाल धारी।
है भस्म धारी
समशान प्रवाशि
ज्योतिर्लिंग शिवलिंग दर्शन कर
हम तो हुए कल्याणी।
दुनिया रचकता
विश ग्रहण करता
रुधरक्षि मुँध माला
गले में नाग लिपटाला
शिवरात्रि का व्रत फलाए
जीवन की तमश ये सुलझाए
मेरा भोले बाबा ॐ नमः शिवाये।