STORYMIRROR

Vihaan Srivastava

Others

2  

Vihaan Srivastava

Others

मेरी नौकरी

मेरी नौकरी

1 min
356

बचपन से मुझ में रहा कविता का रुझान

रचना करने को मिला भावों का वरदान

दोहे मुक्तक और कई विधियों का रहा ज्ञान

भाषा शैली दोनों का मुझ को है संज्ञान


लिखने की प्रवृत्ति ने टाइपिंग को दिया विस्तार

जॉब उसी की कर रहा मैं भी बारम्बार

ठाकुर पब्लिकेशन में मिला टाइपिस्ट का अधिकार

इससे मेरी बढ़ गई टाइपिंग की रफ्तार



Rate this content
Log in