मेरी मंजिल
मेरी मंजिल
मोहब्बत मे तेरी आबाद हो चुका हूं!
दुनिया से दूर तेरे पास हो चुका हूं!!
मेरा पूरा ब्रह्मांड संसार बस तू है!
तेरा भक्त मै मेरा भगवान तू है!!
रात दिन मेरे ख्याल मे आते हो जो तुम!
फेर के हाँथ माथे पर सिमट जाते हो तुम!!
तकरीर क्या करूँ जब मन ही तुझसे हारने का है!
मुझसे जीत कर जो हंसते हुए खुश हो जाते हो तुम!!
होश मे आऊं तो सामने से तू आए!
अज़ीब सा मेरा हाल कोई मुझे समझाए!!
दूर होते हुए भी तू मेरे आस पास है!
ये एहसास तेरा प्यार भरा मेरे साथ है!!
गोद मे रखकर सर को तेरे!
जुल्फों मे तेरी उंगलियां फिराऊं मै!!
डूब जाऊँ बस आंखो मे तेरी!
इनसे कभी बाहर ना आ पाऊं मै!!
मेरी मोहब्बत मेरा अरमान तुम मे है!
सालो की तपस्या मेरा संसार तुम मे है!!
चाहते मेरी अब सब ख़त्म हो गयी!
तू ही इकलौती मंज़िल मेरी तू हो गई!!
