मेरी माँ याद आये... !
मेरी माँ याद आये... !
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रातों को नींदो से
जगाकर खाना खिलाये,
खुद भले ही
भूखी सो जाये,
नींद ना आने पर
लोरी सुनाये,
छोटे से ज़ख्म पर
लाख मरहम लगाये,
शहर मे दिल को
ज़ब कुछ ना भाये,
मुझ को तब
मेरी माँ याद आये !
मुश्किल घड़ी मे
जो साथ निभाये,
जिसके आँचल मे
जन्नत मिल जाये,
हो ज़ख्म मुझे तो
खुद आँसू बहाये,
मेरे लिये जहाँ से
लड़ जाये,
मेरी डूबे जो कश्ती
तो माझी बन जाये,
शहर मे दिल को
ज़ब कुछ ना भाये,
मुझ को तब
मेरी माँ याद आये !