मेरी अभिलाषा
मेरी अभिलाषा
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माँ,
मुझको
बंदूक दिला दो
मैं भी लड़ने जाऊँगी ।
माँ ,
मैं बेटी
हूँ तेरी फिर भी
सेना में जाना चाहूँगी।
माँ,
बेटे सा
मुझे पाला तुमने
तेरी शान बढ़ाऊँगी।
माँ ,
भारत माँ
मेरी भी माँ है
देश के काम आऊँगी।
माँ ,
तिरंगा
हाथ में लेकर
अपना प्रपंच फहराऊँगी।
माँ,
मेरी ताकत
के आगे शत्रु भी
न कभी टिक पाएँगे।
माँ,
बेटी नहीं
होती किसी से कम
सब यह बात दौहराएँगे।
माँ,
अभिलाषा
यही है मेरी कि
देश हित जान वारूँगी ।
