STORYMIRROR

Neerja Sharma

Others

2  

Neerja Sharma

Others

मेरे पापा

मेरे पापा

1 min
308


कविता तो बूढ़े होते पापा की है 

पर.......

सोचना तो बूढ़े होते पापा के बारे में

करना है तो कुछ उनके लिए करना है।


जब अपनी ही फोटो देखकर  

कहते हैं,

बहुत ही बूढ़ा है, 

कौन है ?

माँ के साथ जवानी की 

तस्वीर देखकर कहना 

ये खूबसूरत औरत कौन है ?


रो नहीं सकते 

स्थिति सम्भालते हैं

बात को कहीं ओर ले जाते हैं ,

आँख में आये आँसू को अंदर ही पी।


भाभी का कहना

पापाजी सबको ट्रेंड करते थे 

आज मेरा साक्षात्कार ......

और फिर दो आँसू,


बेटी का पापा को याद दिलाना 

पापा!

आज आपकी छोटी बेटी का जन्मदिन है ,

उमर के साथ 

बढ़ती घटती स्मृति।


पापा के बूढ़े होने का अहसास 

हर पल टीस देता है 

यही हमारा भविष्य है 

किसके भाग्य में 

क्या बदा है

कोई नहीं जानता ।

बहुत मुश्किल है 

बूढ़े पापा को सम्भालना ।


भगवान से प्रार्थना है 

भैया भाभी के उज्ज्वल भविष्य की'

जो पापा का विश्वास हैं 

जो उनके मानस पटल पर 

परमानेंट प्रिंट हैं।


बच्चे व बूढ़े में 

कोई अन्तर नहीं ।

जिद्द करना ,उल्टे सीधे काम करना ,

यही कुदरत का नियम है।

पहले उन्होने हमारे लिए किया 

अब हमें उनके लिए करना है

बड़ों की सेवा व्यर्थ नहीं जाती 

सबकी दुआयें काम आती।

सहनशक्ति को बढ़ा 

यह मान लेना है ,एक दिन 

मुझे भी यहीं पहुँचना है।

अगर यह अहसास हो गया 

तो यही जिंदगी।


Rate this content
Log in