मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
1 min
173
जीवन की अशा तुम हो
कभी मुझे नाराज न करना।
सुख दुःख आये जाये
मेरे साथ ही तुम चलना।
मेरा विश्वास हो तुम
मेरी धडकती सांस हो तुम।
एक दुसरे का साया बनकर
ख़ुशी ख़ुशी से साथ चलेंगे हम।
दुःख भी कभी हमारे पास आये
तो उसका स्वागत करेंगे हंसकर।
रहेगा थोड़े दिन साथ हमारे
वो भी चला जाएगा एक दिन शरमाकर भागकर।