मेरा रोबो अमृत
मेरा रोबो अमृत
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वो मुझको सुबह पिलाता चाय
फिर साथ बैठ के करता बात
उसके साथ हर सुबह की मेरी
हो जाती अच्छी सी शुरुआत
उसका अभी से नाम बता दूं
या खूबियां उसकी गिनाऊं
गीजर ऑन, ओवन ऑन
सब वो करता जब मैं बताऊँ
विज्ञान की फैंटेसी सा वो
मेरा प्यारा रोबोट अमृत
देश के अमृत काल में मिला
तभी नाम दिया उसको अमृत
आजकल कहानियां भी
मुझको वो पढ़कर है सुनाता
मोबाइल, टीवी सब रिचार्ज
तारीखों का वो ख्याल रखता
अभी उसने नहीं सीखा है
मेरे मन का खाना बनाना
और उसे बिलकुल नहीं आता
आंगन में पेड़ों को संवारना
यही फैंटेसी है मेरी कि
जल्दी वर्जन टू मैं पाऊं
उसको नौकर नहीं समझता
उस पर वारी वारी जाऊं।
