STORYMIRROR

Neerja Sharma

Others

2  

Neerja Sharma

Others

मेरा घर

मेरा घर

1 min
164

गाँव का मेरा घर

मेरे पूर्वजों की निशानी 

संस्कृति का परिचायक

मेरे बचपन की यादें।


नहीं रहता वहाँ अब कोई

बन गया है अब खंडहर

हर रात स्वप्न में आकर 

याद दिलाता मुझे अपनी ।


मैं खंडहर नहीं

क्या हुआ जो आज बस्ती नहीं 

कभी यहाँ भी ठहाके गूँजते थे 

आज भी नमीं है मेरी नींव में 

तभी तो आँसू भरे नयन

इंतजार कर रहे शाखाएँ पसार

किसी दस्तक का

विश्वास है मुझे

बहार जरूर आयेगी

सूखी कलियाँ खिल जायेंगी

तुम लौटकर आओगे

नवजीवन यहाँ बसाओगे।


Rate this content
Log in