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Awadhesh Uttrakhandi

Others

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Awadhesh Uttrakhandi

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मेरा गाँव मेरा प्रेम

मेरा गाँव मेरा प्रेम

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मेरा घर आदर्श घर, मेरा गांव आदर्श गांव

बड़े बूढ़ों का आशिर्वाद और ठंडी ठंडी छाँव,

रंगबिरंगी चादर, ओढ़े हरियाली की पगडण्डी

गर्मी की ऋतु हो, तो नम हवाओं की राह,

जो ऋतु आये शीत, घर घर जले अलाव

मेरा घर आदर्श घर, मेरा गांव आदर्श गांव,

बड़े बूढ़े का आशिर्वाद ठण्डी ठण्डी छाँव

सुबह की बेला नित नूतन,

दिव्य आनंद आभास कराती प्रती दिन।


भोर का रवि आये प्रतिदिन

ओज का प्रतीक बन खिल जाए मन यौवन

कहीं घन्टा , कहीं राम नाम धारा,

इन सबका आनद लेता रात का चमकता सितारा

सुगम सरल जीवन की कहानी,

बिकट बीहड़ मेरे गाँव की कहानी

न होकर भी सबकुछ,

सर्वोत्तम है मेरा घर मेरा गांव

माँ का प्यार, सबका दुलार,

रंग बिरंगी उपवन और ठंडी ठंडी छाँव

शीतल पानी रोके मन की मनमानी,

मृदुल हवा करे देह को दे दुर्लभ दवा

शान्त निर्मल पर्यवारण,

सबको मिले भरण पोषण

मेरा घर आदर्श घर, मेरा गांव आदर्श गांव।



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