मद्धिम मुस्कान
मद्धिम मुस्कान
1 min
614
उसकी
मुस्कान में मुझे
कविता दिखाई देती हैं।
होंठ हल्के से
खुले
दिल की
तस्वीर
उसके
चमकते चेहरे पर
बन गई थी।
अनायास
उभरी थी
अथवा
किसी कल्पना का
स्वरूप था
कह नहीं सकता
लेकिन
इतना तो है
खिले फूलों,
चमकते सितारों,
तथा
उसकी
मुस्कान में
मैं
फर्क नहीं समझता।
