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Dr Sushil Sharma

Others

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Dr Sushil Sharma

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मौत तो बस बहाना

मौत तो बस बहाना

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मौत तो बस अब बहाना हो गया 

घर खुदा के वो रवाना हो गया 


लग रहा क्यों आज सूरज सर्द है

चाँद भी काफी पुराना हो गया 


दग्ध दिल का दर्द जीती जिंदगी

पीर का ये दिल ठिकाना हो गया 


खुशबुओं से भर गयीं हैं वादियाँ 

आज मौसम आशिकाना हो गया 


बढ़ रहीं है बीच की ये दूरियाँ 

बस लड़ाई तो बहाना हो गया 


भेजते थे तुम कभी जो खत मुझे 

शेष अब उनका जलाना हो गया 


सिर झुका सदका हुआ वो जब मिले

बस ख़ुदा को सर झुकाना हो गया  

 

रूठना उनका मनाना उम्र भर 

जिंदगी का ये फ़साना हो गया



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