STORYMIRROR

हरीश कंडवाल "मनखी "

Others

3  

हरीश कंडवाल "मनखी "

Others

मौन मुखर

मौन मुखर

1 min
124

बहुत अनकही बातों को भी कह देता है मौन

मन की अंतरंग सवालों का जवाब देता है मौन।


चुप रहकर भी बहुत कुछ इशारा कर देता है मौन

मन की बेचैनी को बिना कुछ कहे बता देता है मौन।


मन में चल रहे अंतर कलह को समझा देता है मौन

कभी शांति तो कभी विद्रोह बन जाता है मौन।


अक्सर मौन रहना भी मुखर बन जाता है

बहुत से फसादों को एक पल में मिटा देता है।


प्रेम की आवाज दिल का साज बन जाता है मौन

जीवन में परिवर्तन में कभी मुखर हो जाता है मौन।


   


Rate this content
Log in