मौन मुखर
मौन मुखर
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बहुत अनकही बातों को भी कह देता है मौन
मन की अंतरंग सवालों का जवाब देता है मौन।
चुप रहकर भी बहुत कुछ इशारा कर देता है मौन
मन की बेचैनी को बिना कुछ कहे बता देता है मौन।
मन में चल रहे अंतर कलह को समझा देता है मौन
कभी शांति तो कभी विद्रोह बन जाता है मौन।
अक्सर मौन रहना भी मुखर बन जाता है
बहुत से फसादों को एक पल में मिटा देता है।
प्रेम की आवाज दिल का साज बन जाता है मौन
जीवन में परिवर्तन में कभी मुखर हो जाता है मौन।
