आ ना जाए कहीं सैलाब मयकदे में यहाँ बैठ कर अंजाम-ए-वफ़ा की बात ना कर। आ ना जाए कहीं सैलाब मयकदे में यहाँ बैठ कर अंजाम-ए-वफ़ा की बात ना कर।
कभी शांति तो कभी विद्रोह बन जाता है मौन। कभी शांति तो कभी विद्रोह बन जाता है मौन।