मैंने देखी है वो सुबह
मैंने देखी है वो सुबह
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मैंने देखी है वो सुबह
जो एक नया मोड़ लेगी
जो कैद है ज़ंजीरों में ज़िन्दगी
उसे तोड़ देगी !!
मैंने देखी है वो सुबह
जब जातियों में बंटे टुकड़े नहीं होंगे
जब मज़हब में रंगे चोले नहीं होंगे
नफरत मिटा के दिलों से जो प्यार के बोल देगी !!
मैंने देखी है वो सुबह
जब मन में
खुदा का खौफ नहीं होगा
जब सवाब पाने का लालच नहीं होगा
उस दिन सच्ची इबादत होगी
मैंने देखी है वो सुबह
जब औरतों को
परदों से रिहा किया जायेगा
जब उन्हें
बराबरी का अधिकार दिया जायेगा
उस दिन जशने आज़ादी होगी !!
