मैं मोहब्बत वो शिकायत
मैं मोहब्बत वो शिकायत

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हम उसके मोहब्बत में पड़ने वाले थे
वो हमसे शिकायत करने वाले थे
अजब था मेरी गली से उसकी गली का सफर
उसे और बहुत लोग वहाँ देखने वाले थे
बरसात हुई आंधी आई बहुत से शजर टूटे
परिंदे अब नया आशियाना ढूंढ़ने वाले थे
ट्रैन रुकी ही नहीं उस छोटे से स्टेशन पर
वहाँ बहुत से मुसाफ़िर उतरने वाले थे
उसने हाथ थाम कर मेरा संभाल लिया मुझे
वरना हम तो कबका बहकने वाले थे
हवस घूमती है हर जगह सड़को पे रातों में
ये सोच के रात भर हम जगाने वाले थे