"मैं एक आवारा सांड हूं"
"मैं एक आवारा सांड हूं"
लोग कहते है, मुझे में तो एक आवारा सांड हूं
इन मनुष्यों के बीच बस खोज रहा पहचान हूं
लोगों से रोज दुत्कारा पाता, कभी लठ भी खाता
शिव से पूछता, क्या मैं न कोई जीवित इंसान हूं
मेरी माँ ने मेरे हिस्से का दूध मनुष्यों को बांटा
फिर भी इन स्वार्थी मनुष्यों ने दिया है, चांटा
क्या दोष रहा मेरा, खा रहा ठोकरें असमान हूं?
लोग कहते है, मुझे में तो एक आवारा सांड हूं
मैंने कब काम करने से यहां पर मना किया,
तुम सब मनुष्यों ने मेरे साथ घोर दगा किया,
ज्यादा स्वार्थ कारण, टूटी बैलगाड़ियों का जहान हूं
में शिव वाहन नन्दी रूप की ही एक पहचान हूं
याद आई अब मनु तुझको यहां पर मेरी,
पेट्रोल महंगाई से जब हुई खस्ताहालत तेरी
में बरसों पहले की पेट्रोल से चुराई मुस्कान हूं
लोग कहते है, मुझे में तो एक आवारा सांड हूं
तुम मनुष्य लोगों ने तो स्वार्थ की हद ही कर दी
अपने पूर्वजों की इज्जत सरेआम नीलाम कर दी
भेज दिया मुझे बूचड़खाने में कटने के लिये,
जबकि में तुम मनुष्यों का बिसारा भगवान हूं
एक तरफ तो तुम बेटियों को कोख में ही मारते हो
दूजी तरफ मेरी माँ गाय को दूध दोहन हेतु रखते हो
तुम मनुष्यों की फितरत स्वार्थ का साक्षी इंसान हूं
मुझे केले छिलके सा फेंकते हो, मैं नहीं नादान हूं
खुदा तुम्हें तुम्हारे किये का दंड अवश्य देगा, मनु
मैं गोपुत्र दे रहा, संपूर्ण मनु जाति को श्राप हूं
फिर से ज़माने में वो पुराना जरूर दौर आयेगा,
बैलगाड़ियों से ही मनुष्य आयेगा और जायेगा,
लोग कितना ही सता ले, मुझे में नहीं परेशान हूं
मैं गोपुत्र हूं, मैं बैल किसानों की उम्दा पहचान हूं
मैं भविष्य में फिर आऊंगा, मेहनत की खाऊंगा
क्योंकि में जानता हूं, में मेहनत का आसमान हूं