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Ritu asooja

Others

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Ritu asooja

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मानवता की पुकार

मानवता की पुकार

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मानवता की पुकार

बहुत फैल चुका है

समाज में जंगलराज

जंगली जानवरों का साम्राज्य

खूंखार भेड़ियों की दरिंदगी

तबाह हो रही है

कई बेटियों की जिंदगी


असहनीय है यह दर्द

मानवता का निभाना होगा फर्ज

सर पर चढ़ रहा है बहुत कर्ज

अब पूरी करनी होगी अर्ज

जंगली भेड़ियों का करना होगा अंत

उठाओ तलवार और कर दो वार

मानवता की पुकार

इंसानियत कर रही है ललकार।


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