माँ
माँ
माँ सिर्फ शब्द नहीं
ताकत है हमारी
जो जब दिखे नहीं तो
बेचैन हो जाते हम सभी
कौन कहता है, हम बड़े हो गए
क्या बेटा सुनने का
दिल नहीं करता तुम्हारा कभी?
क्या पूरे दिन का टेंशन,
तुम नहीं भूल जाते,
इनके एक मुस्कान से ही कही
जीवन के हर मुश्किल में,
ढाल बन जाती हैं ये,
हम सभी की।
खाना खाया या नहीं,
पूछना जिम्मेदारी नहीं,
प्यार जताने का तरीका ही
एक फोन न करो तो
यह घबरा जाती इस कदर
जैसे बैठे है हम
आतंकवादियों के कब्जे में ही
भगवान सा दर्जा इनका
एक दिन भी नहीं जाता
बिना इनको सलाम किए बिना
आशीर्वाद का यह पिटारा
बिना कुछ मांगे ही
चीनी के भाती
घुल जाती हैं हमारे हर
सुख दर्द में।
सूरज की तरह रोशनी,
लाती हैं हमारी माँ
हम सबके जीवन में हर घड़ी
माँ सिर्फ शब्द नहीं
ताकत है मेरी
