माँ
माँ
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मम्मा याद आती है तुम्हारी
अक्सर बोल नहीं पाती हूँ तुमसे मिलकर
या फोन पर बात करके
लेकिन देखती हूँ जब किसी माँ को अपने
कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाते
तो हूक-सी उठती है..
मम्मा सर्दी पड़ने लगी है
तुम्हारा दिया वो नरम मुलायम शाल
तुम्हारी प्यार भरी गोदी जैसा तो नहीं लेकिन
तुम्हारे आगोश में हूँ मैं ऐसा प्यार भरा एहसास
हर पल महसूस कराता है..
मम्मा नहीं अच्छी लगती है
यहाँ की दाल मखनी और शाही पनीर
जो स्वाद तुम्हारे बनाये अरहर की दाल
और आलू टमाटर में है
वो दुनियां के किसी होटल में नहीं..
मम्मा बहुत याद आती है तुम्हारी
बहुत याद आती है।