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Indu Tiwari

Children Stories

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Indu Tiwari

Children Stories

माँ

माँ

2 mins
237


मम्मा याद आती है तुम्हारी

अक्सर बोल नहीं पाती हूँ तुमसे मिलकर

या फोन पर बात करके


लेकिन देखती हूँ जब किसी माँ को अपने

कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाते

तो हूक-सी उठती है..


मम्मा सर्दी पड़ने लगी है

तुम्हारा दिया वो नरम मुलायम शाल

तुम्हारी प्यार भरी गोदी जैसा तो नहीं लेकिन

तुम्हारे आगोश में हूँ मैं ऐसा प्यार भरा एहसास

हर पल महसूस कराता है..


मम्मा नहीं अच्छी लगती है

यहाँ की दाल मखनी और शाही पनीर

जो स्वाद तुम्हारे बनाये अरहर की दाल

और आलू टमाटर में है

वो दुनियां के किसी होटल में नहीं..


मम्मा बहुत याद आती है तुम्हारी

बहुत याद आती है।


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