STORYMIRROR

Shivanand Chaubey

Others

3  

Shivanand Chaubey

Others

माँ

माँ

1 min
209

यह गीत समर्पित है उसको

जिसके चरणों में जन्नत है

काशी है काबा है जो स्वयं

हर दुआ में जिसके मन्नत है।


हर पल खुशिया आँचल में लिए

बच्चों के लिए जो जीती है

मन्दिर मस्जिद और गुरुद्वारा

हर शब्द में जिसके इबादत है।


जीवन में अपने आस संजोये

रहती जो विश्वास संजोये

जब तक हैं माँ का आंचल

सर पे दुआएं सलामत है।


मातृ शक्ति मातृत्व संजोकर

जो उर में वात्सल्य लिये

सर्वस्व न्यौछावर कर देती

ऐसी जननी की इबादत है।


खुशियों की जहाँ ममतामयी जो

वात्सल्य भाव करुणा को लिए

करता है शिवम् शत शत तू नमन

दिल जिसके बस मोहब्बत है !


Rate this content
Log in