माँ! तुझे सलाम।
माँ! तुझे सलाम।
मैं भगवान को नहीं जानता,
किंतु तुझसे मिलता-जुलता पाता,
वो भी हर वस्तु की उत्पत्ति करता,
तू भी थी अन्नपूर्णा,
जब जो कुछ मांगा,
तूने झट से पैदा कर दिया,
तुझ में थी वो खासियत,
तूझे हो जाता था अंदाजा
आने वाली घटना का,
तू झट से तैयारी लेती थी कर,
और आने वाली मुसीबत जाती थी टल।
तू ने इतना अच्छा सबकुछ सिखाया,
कि बुरा वक्त भी जीत न पाया,
सचमुच आज होता एहसास,
जब तू नहीं है मेरे पास,
ये सच है किसी का कहना,
भगवान भी अच्छे लोगों का मुरीद,
तू हमें छोड़ के चली गई,
9 फरवरी, 2009 उसके पास,
जहां से कोई नहीं आता लौट।
तेरा नाम था रामप्यारी,
तेरे में नहीं थी गुणों में,
राम से कोई कमी।
आज भी जब कभी कोई समस्या आती,
तेरे बताए फार्मूलों से सुलझ जाती,
आज मुझे लगता,
सारा जमाना,
माँ को क्यों याद करता।
