यह तो पागल है
यह तो पागल है
मां मां तो, एक सीधी सादी मां है
हर बच्चे के लिए एक सुंदर सा जहां है,
कई बच्चे सोते हुए मां का हाथ पकड़ते हैं
दूर होते हाथ को मां के हाथ पकड़ते हैं,
ये मां ही तो है जिसकी आंखो में,
अपने बच्चों के सपने बसते हैं,
कई बार लोग मां के इस पागलपन पर हंसते हैं,
ऐसा पागलपन भी एक मां के चेहरे पर ही आता है,
यहीं तो मां बेटे का रिश्ता प्यारा कहलाता है,
आज भी लोग कहीं भी कुछ कहने से नहीं डरते हैं
प्यार करने वाली मां पर पागल होने के ताने जड़ते हैं
कहते है कि बेटे के प्यार में ये तो पागल हो गई है,
क्या तुम्हारी बच्चों से प्यार करने की ताकत खो गई है,
मां के प्यार को समझना किसी के बस की बात नहीं है
जिसने मां को मां नहीं माना, उसकी कोई औकात नहीं है,
मां की ऐसी ममता तो अंतर आत्मा से उमड़ती है,
कलियुग में कुमाता ही झूठे प्यार का नाटक करती है।