लॉक डाउन खुल गया है
लॉक डाउन खुल गया है
लॉक डाउन खुल गया है
फिर वही सब बात होगी
फिर हर कोई जल्दी में होगा
दिन जैसी फिर रात होगी
सड़को पर फिर से जाम होगा
बाजार सब भरे होंगे
बसों, रेल की लाइनों में
लोग फिर से खड़े होंगे
लॉक डाउन खुल गया है
फिर पहले से हालात होंगे
सुकून में बस्ती दुनिया में
फिर रोज़ नए खुरापात होंगे
कुछ दिन शांत थे ये सब शहर
अब हर तरफ मचते शोर होंगे
साफ़ दिखते आसमान में
फिर से धुएँ घनघोर होंगे
नीली नीली बहती नदी भी
धीरे धीरे फिर काली होगी
चिड़िया, कोयल कूके जिसपर
ना जाने कहाँ फिर वो डाली होगी
हालात इतने बदल जायेंगे क्या
या फिर ये इक ख्याल है
जो मेरे मन में चल रहा है
सबका क्या वही सवाल है
लॉक डाउन खुल गया है
फिर वही क्या बात होगी
पहले सी रहेगी दुनिया
या बेहतर हालात होंगे....