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Kawaljeet GILL

Others

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Kawaljeet GILL

Others

लिखना छोड़ दें

लिखना छोड़ दें

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कभी कभी सोचते है हम कि

लिखना छोड़ दे

पर लिखने के बहाने ही हम

दोस्तों से अपने मिल लेते है

कुछ दर्द उनके सुन लेते है

कुछ दर्द अपने कह लेते है

कुछ ख़ुशियाँ उनको दे देते है

कुछ ख़ुशियाँ उनसे मिल जाती है


ये दोस्ती का रिश्ता भी है अजीब

कितना

इसका को मोल लगा नहीं सकता

ये तो है अनमोल जहान में

ये तो है दिलो का रूहो का रिश्ता

इसको कोई ठुकरा नहीं सकता

ये दोस्ती हमारी यू ही बनी रहे सबसे

इसको लगे ना नजर कभी भी 

किसी की।


जाने क्यों ये दोस्ती का रिश्ता

हमको जीने की प्रेरणा देता है

मिलते नही हम दोस्तों से तो

दिल उदास सा हो जाता है 

जब तक बयान ना कर ले हाले दिल

अपना चैन नहीं हमको मिलता है

अपना हाले दिल सुनाकर हम अपनी

दोस्ती निभा लेते है

ये लिखने की आदत तो बन गयी

दोस्ती निभाने की एक वजह ।।।


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