STORYMIRROR

Meenakshi Kilawat

Others

2  

Meenakshi Kilawat

Others

लफ़्ज़ों का जाल

लफ़्ज़ों का जाल

1 min
355

एहसास कराते हैं हमे लफ्ज़

अहमियत अपनी

कहते हैं लफ्ज़ मेरे 

सिवा विश्व में कोई नहीं विराट

पृथ्वी, आकाश, पाताल में

सबसे मेरी पहचान।।


ऋषि मुनि वैरागी करते मेरा मान 

राजा महाराजा लफ़्ज़ों से करते वार 

राजनीति शास्त्रज्ञ करते मेरा बखान

कथाकार, प्रवचनकार करते मेरा सम्मान ।।


मोड़ लेती हूँ लफ़्ज़ों के जाल को 

मत प्रवाह बदल जाते हैं क्षण में

सदियों पुराना है रिश्ता हमारा तुम्हारा

पीछा छुड़ाना नहीं है हमसे आसान।।


किसी को पहुंचाती हूँ ऊंचे आसमान

किसी को बना देती हूँ उजड़ा हुआ चमन 

मैं कहती हूँ मेरा अस्तित्व है चलायमान

आखिर है तो आपके हाथों में ही मेरी शान।।


साहित्याला गुण द्या
लॉग इन