कविता
कविता

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कविता लिखी नहीं
लिखवाई जाती है
हर स्थिति हर परिस्थिति में
जन्म हो जाता है कविता का
जब मन भीग जाता है
जज्बातों से, भावों से
तो कलम चल पड़ती है
कोरे कागज़ पर
उकेर देती है
वो सारे भाव जो
मचा रहे है
उसके मन में शोर
मन खाली हो जाता है
और भावों के रूप में
जन्म ले लेती है
एक कविता