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Anil Gupta

Others

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Anil Gupta

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कविता

कविता

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दोस्तों जमाना वाकई 

बहुत बदल गया है

पहले 

शुभचिंतक को

समाज मे ,परिवार में

बहुत आदर और सम्मान 

मिलता था

किन्तु समय के बदलते चक्र

और

नैतिक मूल्यों के 

गिराहट के इस दौर में 

परिभाषा भी बदल गई है

अब शुभचिंतक उसे कहते हैं 

जो वास्तव में हमारे 

शुभ पर चिंतित होने लगे।


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