कविता -बसंत ऋतु की झलक
कविता -बसंत ऋतु की झलक
आई रे आई ,
बसंत ऋतु आई ।
बसंत ऋतु का मौसम आया
सूरज की गर्मी का छाया ।
चना गेहूं सरसों की फसल ।
खेतों में हरियाली छाई ।
आई रे आई ,
बसंत ऋतु आई ।
प्रकृति की सुंदरता बढ़ाएं ।
जग में सुंदर हरियाली छाई।
सुहाना रूप जग में आई ।
बाग बगीचे में हरियाली आई ।
आई रे आई ,
बसंत ऋतु आई ।
नई किरण की शुरुआत हुई ।
बसंत ऋतु की आगमन हुआ।
ढोल मंजीरा नगाड़े की थाप ।
फाग गीतों की पहचान बड़ाई।
आई रे आई ,
बसंत ऋतु आई ।
प्रकृति की छटा भी बिखराई ।
घर आंगन में खुशियां आई ।
पक्षी अपना गीत सुनाई।
कोयल पपीहा मन को भाए।
आई रे आई ,
बसंत ऋतु आई ।
