कवि और कविता
कवि और कविता
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है
भावों को दे शब्द रूप कवि कविता बनाता है।
अंतर्मन में होता जो उसे भावों में दर्शाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
मन में उठते भावों को कवि रोक नहीं पाता है
उठा लेखनी हाथ में निज भावों को सजाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
भावों केशब्दश्रृंगार से कविता में निखार लाताहै
कालजयी रचना कर कवि मान-सम्मान पाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
जहां न पहुंचे रवि वहां भी कवि पहुंच जाता है
शब्दों के जादू से कभी हंसाता कभी रुलाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
कल्पनाओं की भर उड़ान क्षितिज पार जाता है
देश और समाज को सही दिशा दिखलाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
जीवन का हर पाठ कवि कविताओं से पढ़ाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
निराशा में भी आशा की किरण दिखलाता है
सजग कर समाज को अपना कर्तव्य निभाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
साहित्य समाज का दर्पण है सबको बतलाता है
सत्य झलक समाज की कविता में दिखलाता है
कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।
