" कुछ हम भी सोचें "
" कुछ हम भी सोचें "
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हम अपने सिद्धांतों
और वसूलों को भूल जाते हैं
कभी अनपटी शब्दों और
बातों से लोगों को
स्तब्ध कर जाते हैं !
टाइम लाइन और कमेंट
जगजाहिर रहता है ,
आप भूलकर यह न सोचे
कोई इसे नहीं पढ़ता है !
आपके हाथों में
कई और कितने तंत्र हैं ,
मेसेज और चैट का
देते हम मंत्र हैं !!
