STORYMIRROR

Sunita Nandwani

Others

3  

Sunita Nandwani

Others

कृष्णा

कृष्णा

1 min
528

कृष्ण तेरे प्रेम में 

पहुँची मैं उस अन्तराल में,

कल्पना के पंख लगा 

उड़ी मैं आसमान में।


बादलों की पालकी

और अंबर मेरी बाहों में,

आनंद ही आनंद की 

अनुभूति है हवाओं में।


 धरा मेरे पांव तले 

 और चांद तारें​ साथ है,  

 रोम रोम है आत्मविभोर

 एक तेरे ही अहसास से।

 

कोई अल्प, कल्प,

विकल्प नहीं

एक तेरे नाम से,

कृष्ण तेरे प्रेम में 

पहुँची मैं अन्तराल में।


Rate this content
Log in