कोरोना वायरस
कोरोना वायरस
बरसों से जो रिश्ते ठहर से गये,
आज कोरोना वायरस जान फूँक गये,
सब वयस्त अपने कर्म मेंं
शक्ल देखने को तड़पते
आज एक ही छत के नीचे बैठे
धूल मेंं पड़े कैरमबोर्ड, लूडो बाहर ले आये।
धमा-चौकड़ी जो बिखर गयी
आज फिर एक हो गयी
रसोई से जो सुगंध चली गयी
वो लौट कर घर मेंं बस गयी ।
बरसों के उल्झे प्यार के धागे
आमने-सामने सुलझ गये ।
माँ-पापा की नोंक-झोंक
घर को महका गयी,
भाभी से शरारत सोने पे सुहागा
पड़ौसियों से मुलाकात
लोगों का अपनापन
दिल की तिजोरी भर गयी।
ऐसा प्यार और मन की सफाई
भगा ही देगी कोरोना वायरस
रह जायेगा प्यार का वायरस।