कोमल हृदय और तुम्हारे सृजित अस्त्वित्व् में बन के कामिल साजन तुम्हारा। कोमल हृदय और तुम्हारे सृजित अस्त्वित्व् में बन के कामिल साजन तुम्हारा।
अस्त्वित्व् , बदन, लफ्ज , साँस, स्मृति,अभिलाषा प्रेम , जीवन और शाम सुबह। अस्त्वित्व् , बदन, लफ्ज , साँस, स्मृति,अभिलाषा प्रेम , जीवन और शाम सुबह।
बन कामिल सा कभी मैं तुम्हारे गोद मेें अंत तक सोना चाहता। बन कामिल सा कभी मैं तुम्हारे गोद मेें अंत तक सोना चाहता।