कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
यह लोग कहते हैं कि गलती करो... गलती से सीखो...
पर फिर यही लोग ग़लती करने पर ऊँगली उठाते हैं...
पुरानी यादों को ताज़ा कर फिर से रुलाते हैं...
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
यह समाज कहता हैं कि किसी का मज़ाक उड़ाना नहीं चाहिए...
पर फिर यही समाज ग़लती होने पर मज़ाक उड़ाता है...
बच्चों को मना कर खुद ही बच्चो को चिढ़ाते हैं...
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
यह दुनिया का बात जब तक सुनते जाओ,तब तक तारीफ़ ही तारीफ़
पर फिर जब बात सही ना लगे और ना मानो, तब गालियाँ ही गालियाँ
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
टीचर्स पढ़ाते हैं... हमें सिखाते हैं...
यह करना चाहिए, वो करना चाहिए
पर फिर जब वो सैम ग़लती, वै खुद दोहराते हैं
तब हमारे बोलने पर गुस्सा या फिर चुप क्यूँ हो जाते हैं?
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
हम ज्ञान तो पढ़ के दिमाग़ में घुसा लेते हैं
पर फिर जब असल ज़िन्दगी में यूज़ करने का वक़्त आता हैं
तब बहुत कम ज्ञान हम जीवन में उतारते हैं
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
कितनी अज़ीब हैं ना...
बड़े हमसे कहते हैं की बेटा झूठ नहीं बोलते हैं
पर फिर वो लोग जब खुद झूठ बोलते हैं... तब क्या?
सब कुछ मेरे समझ से बाहर हैं...
अब तक तो मेरा आँख बंद था...
पर धीरे धीरे आँख खुल रहा हैं...
सब कुछ बहुत अज़ीब हैं... बहुत अज़ीब...
कितनी अज़ीब हैं ना!!!
