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Kavi Abhishek Mishra Aparney

Others Inspirational Romance

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Kavi Abhishek Mishra Aparney

Others Inspirational Romance

कि पत्थर भी हमारी कब्र से, अब नम निकलते हैं

कि पत्थर भी हमारी कब्र से, अब नम निकलते हैं

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मौजों से जो लङता हूँ, किनारे रूठ जाते हैं 
भरी मंझधार में सब के, सहारे छूट जाते हैं 
बिना तेरे मेरे सपने सनम कुछ इस तरह टूटे 
बिछङ कर चाँद से जैसे,सितारे टूट जाते हैं

मेरे सीने से अब तो बस, तुम्हारे गम निकलते हैं 
वो कहते हैं कि हम उनकी गली से कम निकलते हैं 
हम मर कर भी तुम्हारी याद में कुछ इस तरह रोये
कि पत्थर भी हमारी कब्र से, अब नम निकलते हैं

 

 


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