जो अब तक मैं नहीं बोला, मेरे अल्फाज़ बोलेंगे
जो अब तक मैं नहीं बोला, मेरे अल्फाज़ बोलेंगे
1 min
13.8K
रखे थे दफ्न इस दिल में,वही सब राज खोलेंगे
जिया खामोश वर्षों तक,मगर अब आज बोलेंगे
कहो मेरे लबों को चुप यहां कब तक कराओगी
जो अब तक मैं नहीं बोला, मेरे अल्फाज़ बोलेंगे
बुने किस्मत ने जो जाले,उन्हीं जालों में उलझा हूँ
कहूँ अब किस तरह तेरे, ख्यालों में ही उलझा हूँ
कभी खामोश नजरों से,तुम अक्सर पूछ लेती थीं
मैं अब तक भी तुम्हारे उन सवालों में ही उल'