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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Others

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

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" खुद पर ही व्यंग करें "

" खुद पर ही व्यंग करें "

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हम वर्षों तलक किताबों के,

पन्नों को उलटते रहते हैं !

हरेक विषयों का अध्ययन ,

हम दिन रात करते हैं !!


कहीं से बृहत् ज्ञान का ,

आलोक सामने आ जाता है !

उसी के ज्ञान गंगा में सदा ही ,

वह नित स्नान करता है !!


फिर समय के चक्र से वह ,

एक नया इतिहास रचता है !

देता है सभी को ज्ञान और ,

लोगों का कल्याण करता है !!


उनकी प्रतिभाओं का खुलकर के ,

लोग सम्मान करते हैं !

फिर साहित्य जगत में सब के सब ,

उन्हें पुरस्कार देते हैं !!


हजारों दोस्त के बंधनों में बंध के ,

हम करीब आ जाते हैं !

विभिन्य फूलों की क्यारियों में ,

हर पल हम विचरण करते हैं।


सकारात्मकता ही तो हमको ,

जोड़कर सदियों तक रखती है !

व्यक्तिगत प्रहार और व्यंग बाण ,

से ही दूरियां सब बनती है !!


हम भूल जाते हैं कि हम ,

नायक बनेंगे निज व्यंग करना पड़ेगा !

दूसरों के दुखको को पास ,

जाके हमको उसे समझना पड़ेगा!



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