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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

कब तक याद करूँ

कब तक याद करूँ

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कब तक याद करूँ मैं उसको कब तक अश्क बहाऊं

यारों रब से दुआ करो मैं जल्दी मर जाऊँ

मैं जल्दी मर जाऊँ मैं जल्दी मर जाऊँ

देखूँ ना मैं उसको सुबह उठ न पाऊँ

उसका चेहरा हर पल यादों में रहता है

प्यार उसका मेरी सांसों में बहता है

बिन देखे मैं उसको चैन कहाँ से पाऊँ

यारों रब से दुआ करो मैं जल्दी मर जाऊँ

मैं जल्दी मर जाऊँ मैं जल्दी मर जाऊँ


चाहा है मैंने उसको उसकी सजा मैं पाऊँ

उठना चाहूँ मैं पर अब उठ मैं न पाऊँ

दिल है मेरा पागल कैसे इसे समझाऊँ

बिन तेरे मैं दिल को कैसे सुकूं दिलाऊँ

यारों रब से दुआ करो मैं जल्दी मर जाऊँ

मैं जल्दी मर जाऊँ मैं जल्दी मर जाऊँ


मैंने इश्क किया तुम्हें कोई करे तो तुम बतलाना

अश्क नहीं है आँखों में दिल मेरा रोता जाए

तेरी यादों को मैं अपने सीने से लगाऊँ

तेरे बिन लगता है इक पल मैं जी न पाऊँ

यारों रब से दुआ करो मैं जल्दी मर जाऊँ

मैं जल्दी मर जाऊँ मैं जल्दी मर जाऊँ

कब तक याद करूँ मैं उसको कब तक अश्क बहाऊं

यारों रब से दुआ करो मैं जल्दी मर जाऊँ



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