जुनून
जुनून


क्रिकेट है, इक जुनून
धर्म सा, मानते राष्ट्र का।
प्रशंसक ही इसे,
परवान चढ़ाते
खिलाड़ी को प्रभू सा,
दर्जा देते खेल का।।
विश्व कप, जीता हमने
एक नहीं,
दो बार क्रिकेट का।
तीसरी बार कोशिश,
कर रहे क्रिकेटर्स
मान बढ़ाने राष्ट्र का।।
दिल्ली से इंगलैंड जाते,
सड़क द्वारा
प्रशंसक अपने ,
परिवार के साथ।
क्रिकेट का आनंद,
लेने और
राष्ट्र-प्रेम बताने अपना,
दुनिया के साथ।।
फैन्स मिलते खिलाड़ी से
और उनकी हौसला
अफजाई हैं करते।
राष्ट्र धर्म निभाने का,
वादा लेते
और विश्व कप जीतकर ,
लौटने का।।
यूँ तो खेल हैं सारे और
राष्ट्र हित में ,जीत रहे
सभी खिलाड़ी।
पर बात कुछ और
है क्रिकेट की
अपना सर्वस्व दाँव,
पर लगा रहे सभी खिलाड़ी।।
क्रिकेट के मैच में
प्रशंसकों का रहता हुजूम,
सारा ही सारा।
स्टेडियम दिखता
अंबर जैसा राष्ट
जीते और जीताएं
रहता यही नारा।।