Neetu Lahoty
Others
अक्सर वो कहती है मुझसे
समय की कीमत समझना बेटा
व्यर्थ जो समय गवाया
उसे कहाँ से लाओगे
जो निकल गये हैं पल
उनकी भरपाई कैसे कर पाओगे
हाँ, माँ ही तो है जो हमें
हर रोज़ नयी सीख़ देती है
ज़िंदगी के हर पहलू से
वाकिफ़ कराती है।
जीना दुश्वार ...
" कर्णधार "
"प्यार "
" फिर जी लेते...
याद
दिल से
अजीब लोग
खुद का सफ़र
इरादा तो नहीं...
बेमिसाल वो