ज्ञान दान
ज्ञान दान
खुद पढ़ो औरों को पढ़ाओ तुम।
ज्ञान दीप हर जगह जलाओ तुम।
जो सोए हैं उन्हें जगाओ आज तुम।
ये यज्ञ है उन्हें बुलाओ आज तुम।
दान ज्ञान सर्वश्रेष्ठ पुण्य काम है।
ज्ञान दे जो उसके दिल में राम है।
ज़िंदगी में फ़ल जो हमने पाया है।
बीज उसका किसी और ने लगाया है।
हर एक यदि एक और को पढ़ायेगा।
समस्त देश शीघ्र साक्षर हो जायेगा।
नए अवसरों के द्वार भी खुल जायेंगे।
एक बेहतर जीवन लाखों लोग पायेंगे।
कर्तव्य है हम सबका देश के लिए।
जीना वही जो औरों के लिए जिए।
विकास मार्ग पूर्ण प्रशस्त हो पायेगा।
जब कोई भी निरक्षर न रह जायेगा।