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Rekha gupta

Inspirational Children Stories

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Rekha gupta

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जल ही जीवन है

जल ही जीवन है

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पानी रे पानी बड़ी अजब है तेरी रवानी

बिन तेरे असंभव हम सबकी जिन्दगानी।


प्रकृति के कण कण का जल ही है आधार

जल से ही सबके जीवन का है उद्धार ।


मानव,पशु पक्षी,पत्ता पत्ता, डाली डाली

जीवन मे सबके,बस जल से ही है हरियाली ।


धरा भी बंजर बेकार, जल बिन हो जाती

जल से ही बीज बनता वृक्ष,कली कली खिल जाती


जल बिन तड़पत मीन,तड़पत मानव शरीर

जीव जंतु पेड़ पौधे, जरूरी सबके लिए नीर।


बूंद बूंद की कीमत समझो, न करो यूं बर्बाद

जल बिन जीवन कैसा होगा,सोचो तो जरा आप।


सूखा जंगल कह रहा,चाहिए मुझे भी नीर

न काट मुझको हे मानव,सुन ले मेरी पीर ।


जल ही जीवन है, जल ही जीवन का मूल

नीर का उचित सदुपयोग, मानव गया भूल ।


सिसक रही है धरा, सूरज के ताप से,

पशु पक्षी सब बेहाल,तन मन व्याकुल प्यास से ।


जल संरक्षण के वचन का,सभी करे प्रयास,

बूंद बूंद के लिए सभी तरसेंगे वर्ना,कैसे बुझेगी प्यास।


विधाता के विधान से,न तू खेला खेल

जल जीवन मे अनमोल है,इसका न कोई मेल ।


जल मानव से कह रहा,न करो मुझे बर्बाद

जिस दिन मैं न रहा तो,तू कैसे रहेगा आबाद ।


                


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