जिसके पति का बटुआ भारी
जिसके पति का बटुआ भारी
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अक्सर खुश रहती वह नारी
जिसके पति का बटुआ भारी ।
बटुए में जब धन बढ़ता है
पति को भी सुरूर चढ़ता है ।
बटुए पर पलते हैं सपने
पति पत्नी के अपने-अपने ।
असली बल बटुए का धन है
बटुए बिन गुपाल ठन-ठन हैं ।
धन का कम होना है जारी
बटुए पर संकट है भारी ।
दिन अब और बुरे आने हैं
बटुए छीने भी जाने हैं ।
