जिंगल बेल्स, जिंगल बेल्स....
जिंगल बेल्स, जिंगल बेल्स....
दरवाज़े की घंटी बजी,
कोई त्योहार आया है हमारे द्वार,
लेकर आया है ये अपने संग,
ढेर सारे उपहार।
खुशियों के बक़्से जैसा,
अनोखा तोहफ़ा इसने दिया,
लाल रंग में इसने तो,
हम सबको रंग दिया।
सिर्फ़ एक मज़हब नहीं,
पूरा देश इसमें शामिल हो जाता है,
पूरे रीति-रिवाज़ों के साथ तो नहीं;
लेकिन अपने तरीके से इसे मनाता है।
इस त्योहार के दौरान मिठाइयाँ ही नहीं,
खुशियाँ भी आपस में बाँटी जाती हैं,
यहाँ सबकी सलामती के लिए,
दुआएँ गायी जाती हैं।
तोहफ़ें माँगे जाते है यहाँ,
उनके प्राप्त होने का इंतज़ार, बेसब्री से करते हैं,
क्योंकि 'सॅन्टा क्लाॅज' किसीको निराश नहीं करते,
ये हम भली-भाँति जानते हैं।
यीशू का जन्म,
बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं,
'क्रिसमस' की खुशी,
सब में बाँट आते हैं।
क्रिसमस की प्रशंसा एवं खुशी में,
हम कॅरल्स भी गाते हैं,
नए वर्ष के आगमन का,
जश्न भी मनाते हैं।
