ज़िंदगी तो मिली है एक ही......
ज़िंदगी तो मिली है एक ही......
ज़िंदगी की राह पर चलते रहना है हमें,
कदम कभी न रुके,
डरे-डरे से न हो ये,
भरे-भरे से होने चाहिए।
हाथों में कंपन नहीं,
अपनी तकदीर लेकर चलना है हमें,
दुनिया को बदलने से पहले,
स्वयं को बदलना है हमें।
हाथ आगे बढ़े,
तो किसी को तकलीफ़ न पहुँचे,
सदा मदद करने के लिए,
ये हाज़िर रहे,
किसी के प्रति घृणा न हो दिल में,
दिल के दरवाज़े सदा खुले रहे।
डूबते सूरज को देख,
एक नए दिन की शुरुआत,
सादा स्मरण आती रहे,
शरीर पर गहने, भले ही न हो,
मुस्कान अवश्य होनी चाहिए।
दुनिया को सदा लोगों के अनुसार मत देखो,
अपना भी, एक पृथक नज़रिया होना चाहिए,
यदि सफलता न मिले कभी,
तो पराजय को भी स्वीकार करना चाहिए;
क्योंकि ज़िंदगी तो मिली है एक ही,
जिसे अपनी मर्ज़ी से जीना चाहिए!!