STORYMIRROR

Jonty Dubey

Others

3  

Jonty Dubey

Others

जीवन की लाचारी

जीवन की लाचारी

1 min
216

अस्त्र शस्त्र सब हार गए जीवन की लाचारी में

जीवन के इस धर्मयुद्ध में आँसू पोछ रहा हूँ मैं


जा तू अपना जीवन जी ले सपनों की फुलवारी में 

छोड़ मुझे खुश रहने दे अपनी चार दिवारी में


तुझे तो अंबर छूना है हिमालय की चोटी से

मुझे तो जन्नत मिली नहीं इस जीवन लाचारी में 


जग तुझको पत्थर समझेगा तेरे उछले सिक्कों से

मुझे इबादत करनी है अपने रूठे रिश्तो से


जा तू हंसता बसता रह सपनों की फुलवारी में

छोड़ मुझे खुश रहने दे अपनी चार दिवारी में


Rate this content
Log in