जीना सिखाए जा रहा है
जीना सिखाए जा रहा है
जीना सिखाए जा रहा है दिन-बदिन,तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,अपने हिसाब से जिंदगी चलाए जा रहा है।
तेरे आने से,दिल मेरा, अब उसको भुलाए जा रहा है।
कुछ हुआ है अलग,तेरे आने से, बताए जा रहा है।
एक बार फिर से,मुझको जीना, सिखाए जा रहा है।